मेरे अशआर किसी.. को ना सुनाने देना जब मै दुनिया से चला ..जाऊँ तो जाने देना
साथ इनके है बहुत ख़ाक उड़ाई मैंने इन हवाओं को मेरी ख़ाक उड़ाने देना
मत बताना कि बिखर जायें तो क्या होता है नयी नस्लों को नये ख़्वाब सजाने देना
वक़्त दुनिया को सुनाएगा कहानी मेरी कहे देता हूं मिरा नाम ना आने देना
रहूँ ख़ामोश तो ख़ामोश ही रखना मुझ को और अगर शोर मचाऊँ तो मचाने देना
अब तो बारिश में भी स्कूल खुला करते हैं वहां मत भेजना बच्चों को नहाने देना
जान लेना कि नया हाथ बुलाता है तुम्हें गर कोई हाथ छुड़ाए तो छुड़ाने देना
हां वही बात जो मालूम है तुम लोगो को मैं वही बात छुपाउँगा छुपाने देना
मेरे जीने पा हंसें लोग कोई बात नहीं हां मिरी मौत का मातम ना मनाने देना
शायर: अमीर इमाम
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